भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आगामी सत्र के लिए नये घरेलू क्रिकेट ढांचे की समीक्षा शुरू कर दी है, जिसमें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, पूर्व कोच राहुल द्रविड़ और BCCI मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर का महत्वपूर्ण योगदान है। इस नये ढांचे में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जिन्हें भारतीय क्रिकेट की अवस्थापना और खिलाड़ी विकास को सुधारने के उद्देश्य से प्रस्तावित किया गया है।
रणजी ट्रॉफी के लीग चरण और नॉकआउट चरण के बीच एक लंबा अंतराल रखा गया है, जो खिलाड़ियों को अधिक समय देगा अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी रणनीतियों को सुधारने के लिए। इसके साथ ही, दूसरे चरण में मैचों के बीच विस्तारित अंतराल रखा गया है ता�>
जितना हो सके ताकि खिलाड़ी अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग कर सकें और थकान या चोटों से बच सकें।
सम्पूर्ण नये घरेलू क्रिकेट ढांचे की एक रोचक पहल अंडर-23 CK नायडू ट्रॉफी में टॉस की परम्परा को समाप्त करना है। इस नए नियम से टीमों को टॉस के पूर्वाग्रहों से छुटकारा मिलेगा जिससे खिलाड़ियों का खेल और भी निष्पक्ष और प्रतियोगी बन सकेगा।
इस नये ढांचे की समीक्षा राज्य संघों और भारतीय क्रिकेट के प्रमुख हितधारकों द्वारा की जा रही है। BCCI प्रतिनिधियों ने मुंबई में राज्य संघों के साथ बैठक की और नये ढांचे पर उनके विचार और सुझाव सुने। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी पक्षों की संतुष्टि सुनिश्चित करना और किसी भी सुधार की आवश्यकता को समझना था।
BCCI ने घोषणा की है कि आगामी सत्र का प्रारंभ 5 सितम्बर से होगा, और इसका उद्घाटन आंध्र प्रदेश में दलीप ट्रॉफी से किया जाएगा। यह BCCI की स्केहवहाव बदला हुआ घरेलू ढांचा खिलाड़ियों को एक ज्यादा सुव्यवस्थित और खिलाड़ी-केंद्रित सत्र को आकार देने पर बल देता है।
BCCI सचिव जय शाह ने राज्य संघों के कोशिशों की सराहना की जिन्होंने व्यस्त सत्र को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया। जय शाह ने कहा कि BCCI राज्य संघों के साथ मिलकर खिलाड़ी विकास के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
BCCI ने यह भी बताया कि बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लगभग पूरा होने और विभिन्न राज्यों में इंडोर अकादमियों के विकास सहित इंफ्रास्ट्रक्चरल प्रगतियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय क्रिकेट को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने और खिलाड़ियों को सर्वोत्तम संसाधन उपलब्ध कराना है।
यह नये ढांचे की समीक्षा दर्शाती है कि BCCI भारतीय घरेलू क्रिकेट को सुधारने के लिए किस हद तक तैयार है। इसमें न केवल खिलाड़ी के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है, बल्कि उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और प्रदर्शन के भी प्रावधान किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर, यह एक सकारात्मक कदम है जो भारतीय क्रिकेट के बेहतर भविष्य की नींव रखेगा।
इस समीक्षा प्रक्रिया में सभी महत्वपूर्ण टिप्पणियों और सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा ताकि संभावित सुधारों को लागू किया जा सके। यह प्रक्रिया दिखाती है कि BCCI अपने खिलाड़ियों की भलाई और राष्ट्रीय क्रिकेट के विकास के प्रति कितनी संवेदनशील है, और उन्हें सर्वोत्तम साधनों और अवसरों से सुसज्जित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
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