एशिया कप 2025 का ग्रुप चरण दिलचस्प मोड़ पर है। ताज़ा स्थिति में भारत ग्रुप A में नंबर-1 पर है—दो में दो जीत, 4 अंक और नेट रन रेट +4.793, जो इस समय टूर्नामेंट में सबसे ऊंचा है। बड़ी जीतें सिर्फ दो अंक नहीं, बल्कि NRR का बूस्ट देती हैं, और यही भारत की सबसे बड़ी ढाल दिख रही है।
पाकिस्तान 3 में से 2 मैच जीतकर 4 अंकों पर है और दूसरा स्थान संभाले हुए है। उनका नेट रन रेट +1.790 बताता है कि जीतें सिर्फ नज़दीकी नहीं रहीं। यूएई ने 3 में से 1 मैच जीता है और 2 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। ओमान को अब तक जीत नहीं मिली—2 मैच, 0 अंक—और उनका काम मुश्किल दिख रहा है।
ग्रुप A में अब तस्वीर साफ होती जा रही है। भारत का अगला चरण लगभग सुरक्षित दिखता है क्योंकि उनके पास न सिर्फ अंक हैं, बल्कि विशाल NRR भी है। पाकिस्तान भी मजबूत स्थिति में है—बराबरी की सूरत में भी NRR उनकी मदद कर सकता है। यूएई को अब बाकी मुकाबलों में जीत के साथ-साथ बड़े मार्जिन चाहिए होंगे, तभी वे दावेदारी बनाए रख सकते हैं। ओमान के लिए गणित मुश्किल है; उन्हें सिर्फ जीत नहीं, बल्कि भारी जीतें चाहिए होंगी और साथ ही दूसरे मैचों के नतीजों का भी साथ चाहिए होगा।
यहां नेट रन रेट का रोल समझ लेना ज़रूरी है। NRR दरअसल प्रति ओवर बनाए और प्रति ओवर खाए गए रन के अंतर का औसत होता है। यानी अगर आप छोटी ओवरों में बड़ा लक्ष्य हासिल करते हैं या विरोधी को कम स्कोर पर रोकते हैं, तो आपका NRR तेजी से ऊपर जाता है। यही कारण है कि भारत की शुरुआती एकाध बड़ी जीत ने तालिका में उनका दबदबा पक्का कर दिया।
ग्रुप A के संदर्भ में एक और बात—एसोसिएट टीमों के लिए यह टूर्नामेंट अनुभव जुटाने का मंच बनता है। यूएई और ओमान की फील्डिंग और डेथ ओवर बॉलिंग में उतार-चढ़ाव दिखा है, पर उनकी पावरप्ले रणनीतियां कुछ मैचों में काम आई हैं। अगर अंत के ओवरों में विकेट बचते हैं, तो वे बड़े स्कोर चुनौती दे सकते हैं, जिससे टॉप टीमों पर दबाव बनता है।
ग्रुप B में श्रीलंका का दबदबा साफ है—3 में 3 जीत, 6 अंक, NRR +1.278—और उन्होंने अगले चरण का टिकट पक्का कर लिया है। उनके गेंदबाज़ों की लय शुरुआत से बनी हुई है, जिसके चलते मध्यम स्कोर भी बचाए जा रहे हैं।
बांग्लादेश 3 में 2 जीत के साथ 4 अंकों पर है और उन्होंने भी क्वालीफिकेशन सुनिश्चित कर लिया है। उनकी बल्लेबाज़ी में बीच के ओवरों में रन-रेट संभालने की क्षमता दिखी है, जिसने क्लोज़ गेम्स में फर्क पैदा किया। अफगानिस्तान 2 अंकों पर है—उन्हें अब जीत के साथ NRR सुधारना होगा। हांगकांग की कहानी कठिन रही: 3 मैच, 0 अंक—पर उनकी नई बॉल से स्विंग और फुर्तीली फील्डिंग ने अच्छे संकेत भी दिए हैं।
ग्रुप B की क्वालीफिकेशन रेस लगभग तय है, लेकिन पोजिशनिंग अब भी अहम रहेगी। टॉप पर रहने वाली टीम को अगले चरण में अपेक्षाकृत अनुकूल मुकाबला मिल सकता है, इसलिए श्रीलंका का लक्ष्य सिर्फ जीतना नहीं, बल्कि NRR को बरकरार रखना भी होगा। बांग्लादेश के लिए भी यही समीकरण लागू होता है—किसी एक बड़े मार्जिन की जीत से उनका NRR आगे चलकर टाई-ब्रेकर में काम आ सकता है।
टूर्नामेंट के नियम सरल हैं: जीत पर 2 अंक, टाई या नो-रिज़ल्ट पर 1 अंक, हार पर 0। जब टीमें अंकों पर बराबरी करती हैं, तो NRR टाई-ब्रेकर बन जाता है। यही कारण है कि हम अक्सर देखते हैं कि टीमें लक्ष्य का पीछा करते समय सिर्फ जीत नहीं, ओवरों का हिसाब भी बारीकी से रखती हैं—कब जोखिम लेना है, कब सिंगल-डबल से काम चलाना है, सब NRR के हिसाब से तय होता है।
फैंस के लिए बड़ी कहानी यही है: भारत और श्रीलंका अपने-अपने ग्रुप में पहले स्थान पर हैं, पाकिस्तान और बांग्लादेश मज़बूत दावेदार बने हुए हैं। अफगानिस्तान और यूएई अभी भी खेल में हैं, लेकिन उन्हें गणितीय मदद के साथ बड़े मार्जिन वाली जीतें चाहिए होंगी। हांगकांग और ओमान के लिए अब फोकस सम्मानजनक वापसी और भविष्य के लिए सीखों पर होगा—पावरप्ले में विकेट बचाना, डेथ ओवरों में सटीक यॉर्कर, और कैचिंग में निरंतरता।
जैसे-जैसे ग्रुप चरण खत्म होने को है, हर ओवर मायने रखता दिख रहा है। एक रन इधर-उधर, एक कैच छूटना, या एक ओवर कमाल का—तालिका हिल सकती है। यही टूर्नामेंट की खूबसूरती है: अंक आपके पास हैं, लेकिन NRR तय करता है कि दबाव की घड़ी किसे बेहतर सूट करती है।
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