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मुंबई में तेज़ बारिश ने दी राहत, बाढ़ और जलभराव से बढ़ीं मुश्किलें, अगले हफ्ते बढ़ेगी उमस
जून 20, 2025
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

मुंबई में भारी बारिश: राहत के साथ नई चुनौतियां

मुंबई में 18 जून 2025 को हुई भारी बारिश ने तपती गर्मी से लोगों को काफी हद तक राहत पहुंचाई। सुबह से ही आसमान पर बादल छा गए थे और इस दौरान करीब 97% उम्मीद के साथ मूसलाधार बारिश हुई। तापमान 26 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जिससे तेज़ गर्मी से थोड़ी राहत महसूस की गई।

लेकिन राहत के साथ-साथ मुश्किलें भी आईं। तेज़ बारिश के चलते शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। विज़िबिलिटी घटकर सिर्फ 8.6 किलोमीटर रह गई, जिससे वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। म्युनिसिपल अधिकारियों ने पहले से ही लोगों को सलाह दी थी कि वे अपने साथ वॉटरप्रूफ फुटवियर और मजबूत छातों का इस्तेमाल करें, ताकि बाहर निकलने में परेशानी कम हो।

ट्रैफिक पुलिस ने ड्राइवरों को बेहद सतर्क रहने के लिए कहा, खासकर उन इलाकों में जहां पानी जमा हो गया है या विज़िबिलिटी बहुत कम है। कई लोग ऑफिस जाने के लिए टाइमिंग बदली तो कई जगह मेट्रो और लोकल ट्रेन भी थोड़ी देर से चलीं।

  • ठाणे, पालघर और नवी मुंबई जैसे शहर भी इस भारी बारिश की चपेट में आए।
  • इन इलाकों में लगातार बारिश के कारण वहीं सड़कों पर पानी भर गया, जिससे आम लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ।

म्युनिसिपल प्रशासन और मौसम विभाग ने नागरिकों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी, खासकर जब बादल घिर आए हों या बारिश तेज़ हो। इसके अलावा, गर्मी के बाद अचानक मौसम ठंडा होने से फ्लू और सर्दी-जुकाम के मामले भी बढ़ सकते हैं, इसलिए लोगों से घर के अंदर रहकर ही जरूरी काम करने की अपील की गई।

अगले हफ्ते बढ़ेगी उमस, बारिश बनी रहेगी

अगले हफ्ते बढ़ेगी उमस, बारिश बनी रहेगी

हालांकि शुरुआती भारी बारिश से गर्मी ने थोड़ी राहत दी है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले हफ्ते उमस में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 23 और 24 जून को हल्की लेकिन लगातार बारिश रहने का संकेत है। इसका मतलब है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम तो सुहावना रहेगा, लेकिन सामान बाहर ले जाते समय सावधानी बरतना जरूरी है।

इस दौरान लोगों को पर्याप्त पानी पीने, एयर-कंडीशनर का जरूरत के हिसाब से और बिजली की आपूर्ति का ध्यान रखने की सलाह दी है। बारिश के कारण अक्सर ट्रैफिक में रुकावटें आती हैं, जिससे ऑफिस टाइम या स्कूल बसों की टाइमिंग प्रभावित हो सकती है।

मुंबई में हर साल मॉनसून की दस्तक यूं तो राहत लेकर आती है, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था का टेस्ट भी यही समय होता है। इस बार भी कई इलाकों में पुराने नालों और सीवरों के जाम रहने से पानी की निकासी सुस्त रही, जिससे नागरिकों को हर साल की तरह इस बार भी पानी से भरी गलियों से गुजरना पड़ा।

शहर में रहने वाले लोग अब इन बदलते मौसम के साथ अपनापन भी दिखा रहे हैं—छाते, रेनकोट और बारिश से बचने के तमाम जुगाड़ सबकी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में हल्की बारिश के साथ मॉनसून की पहचान बरकरार रहेगी, लेकिन गर्मी से मिलने वाली राहत की जगह धीरे-धीरे उमस और चिपचिपे मौसम की दस्तक शुरू हो जाएगी।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

टिप्पणि (10)

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Sameer Kumar जून 20 2025

भाईयों, बारिश की ठंडक ने इस गर्मी को एक नई सांस दी। हमने सूरज की चीर को थोड़ी देर के लिए पीछे धकेला। इन बूंदों में असल में जीवन की सच्चाई छुपी है। हर गिरती बूंद हमारे अंदर की अनदेखी भावनाओं को जगाती है। इस मौसम में चलना एक आध्यात्मिक यात्रा बन जाता है। तो चलो, खुद को खुला रखें और बारिश को गले लगाएँ।

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vijay jangra जून 20 2025

प्यारे मित्रों, एक छोटी सी सावधानी से आप इस बारिश में सुरक्षित रह सकते हैं। यदि आप वाटरप्रूफ जूते पहनें तो जलभराव वाले रास्ते आसान हो जाएंगे। यहाँ की बूँदें भी हमें जीवन का रंग देती हैं, जैसे गाजर की खींची हुई कली। जाम वाले क्षेत्रों में थोड़ा समय निकाल कर चलें, इससे तनाव कम होगा। याद रखें, हर बादल के पीछे एक सुनहरी कहानी छिपी होती है।

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naman sharma जून 20 2025

माननीय नागरिकों, इस अचानक हुई तीव्र वर्षा के पीछे संभावित नियोजित परिदृश्य को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि सरकारी अवसंरचनात्मक अकार्यक्षमता को उजागर करती है। इसलिए जनसंख्या को सावधानी से बहाल प्रयासों की सिफारिश की जाती है।

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Sweta Agarwal जून 20 2025

ओह, जैसे हर साल की तरह, इस वैम्पायर-बारिश ने हमें फिर से आश्चर्यचकित कर दिया।

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KRISHNAMURTHY R जून 20 2025

यार, इस मॉनसून में ट्रैफिक का गेन रेट बहुत कम हो जाता है, इसलिए थ्रॉटल को थोड़ा कम रखना चाहिए। लेकिन अगर आप हाईवे पर पॉइंट‑टू‑पॉइंट नेविगेशन यूज़ करोगे तो डिले में काफी कटऑफ़ हो सकता है :)। साथ ही, वाटर‑प्रूफ़ जूते और रिसिस्टेंट एंटी‑रीफ्लेक्टिव गैजेट्स का उपयोग आपको स्नो‑ड्राइव से बचा सकता है। याद रखो, मोनिटरिंग डैशबोर्ड हमेशा ऑन रखें।

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priyanka k जून 21 2025

उपरोक्त प्रायोगिक सिफ़ारिशों को सराहनीय पाते हुए, तथापि यह स्पष्ट है कि सामान्य नागरिक के लिये इस स्तर का तकनीकी विश्लेषण अत्यधिक अल्पविचारपूर्ण हो सकता है। 🙄

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sharmila sharmila जून 21 2025

भाईयो व बहनओ ये बरसात किल्ली की पाबन्दी को तोडती है। कभीर पइशानिंग सिडीयु आल्स फॉर बिस्ई । जाम वाले रस्ते मे थोडा टाइम लगैं। फिर भी सिडीश ताजे हवा लए आया क्‍हि। सबको सलाम।

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Shivansh Chawla जून 21 2025

देशभक्तों को यह समझना चाहिए कि इस बाढ़ की समस्या हमारी लापरवाही की प्रतिफल है। बुनियादी ढाँचे की कमज़ोरी ने हमें यही सिक्का दिया है। अब समय है कि हम राष्ट्र की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और विदेशी तकनीकों के बजाय स्वदेशी समाधान अपनाएँ। ऐसी स्थिति में फिर कोई बाहरी शक्ति हमें हट नहीं सकेगी।

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Akhil Nagath जून 21 2025

उक्त बिंदु को दृढ़ता से स्वीकारते हुए, यह स्पष्ट है कि नैतिक दायित्व और राष्ट्रीय अभिरुचि के बीच संतुलन स्थापित करना आवश्यक है। 😇

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vipin dhiman जून 21 2025

भाइयों, इस बरसात ने फिर से दिखा दिया कि हमारी सरकार कितनी बेकार है। हर गली में पानी भर गया, और हम सब जनसमुदाय अकेले ही बचत कर रहे हैं। हमरे काउंटी में जो सड़कें हैं, वो मूलत: खड्ड़ों की बोरिंग हैं। जब तक हम देसी उपाय नहीं अपनाएंगे, तब तक विदेशी वाटर पंप हमारी मदद नहीं करेंगे। पेट्रोल की कीमत बढ़ती जा रही है, और हमको भी नहीं पता कि कैसे चलें। इस बवंडर को रोकने के लिये हमें अपने इंजीनियरों को हायर करना चाहिए, न कि विदेशियों को। दिल्ली की तरह, मुंबई भी अपनी आत्मनिर्भरता दिखाए। अगर हम अभी भी रेनकोट पर भरोसा रखेंगे, तो क्या होगा? हमारी जनता को तो बस कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकालना चाहिए। ये बाढ़ हमें सिखा रही है कि हमें जल-प्रबंधन में हर्डिंग नहीं करनी चाहिए। अब समय है कि हम अपने नदियों को साफ़ करें, न कि कचरे से भर दें। इस सिचुएशन में ज़्यादा बहस नहीं चाहिए, सिर्फ़ एक्शन चाहिए। जिसने भी इस मामले में लापरवाही की, उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए। हम सभी को मिलकर बाढ़ नियंत्रण के लिए परोसना चाहिए। यही राष्ट्रीय भावना है, यही हमारा कर्तव्य है।

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