यह पेज आपको रोज़मर्रा के बाजार-घटनाक्रम, कंपनियों के नतीजे, IPO सूचनाएँ और कमोडिटी कीमतों की संक्षिप्त परंतु सीधे-साधे खबरें देता है। क्या आप निवेश के फैसले जल्दी लेना चाहते हैं या सिर्फ बाजार की दिशा समझना चाहते हैं — यहाँ दोनों के लिए सार मिलता है। हमने हालिया विषयों जैसे Trent, CDSL, PNB के शेयर मूव, सेंसेक्स-निफ्टी की बड़ी गिरावट और विदेशी मार्केट की घटनाओं का कवर रखा है, ताकि आप तेज़ी से संदर्भ बनाकर निर्णय ले सकें।
तीन तरह की खबरें अक्सर आपके फैसले बदल सकती हैं: कंपनियों के तिमाही नतीजे (जैसे मारुति सुजुकी के नतीजे), बड़े कॉरपोरेट फैसले (एनबीसीसी का बोनस या रेमंड का डिमर्जर), और वैश्विक/क्षेत्रीय झटके (पाकिस्तान स्टॉक-एक्सचेंज की बड़ी गिरावट)। उदाहरण के लिए, IMF संबंधी खबर या वोटिंग नतीजे क्रिप्टो और इक्विटीज़ दोनों पर असर डाल सकते हैं — हालिया ट्रंप-संबंधित बिटकॉइन रैली इसका उदाहरण है। सोने-चांदी के रोज़ाना दाम भी आपकी पूंजी संरक्षण वाली रणनीति बदल सकते हैं; हमने हालिया शहरवार कीमतें रिपोर्ट की हैं।
बाजार बंद और छुट्टियाँ भी ट्रेंड बदल देती हैं — जैसे गुड फ्राइडे के कारण BSE-NSE का तीन दिन बंद रहना। ट्रेडिंग बंद होने से बिटकॉइन या अंतर्राष्ट्रीय ईवेंट्स के रिएक्शन का असर अगले खुलने पर तेज़ दिख सकता है। इसलिए कैलेंडर पर बड़े तारीखों को मार्क करें।
IPO पर खबरें पढ़ते समय तीन चीज़ें जल्दी देख लें: प्राइस बैंड, सब्सक्रिप्शन स्तर और लिस्टिंग प्राइस का ट्रेंड। उदाहरण के तौर पर, डीएएम कैपिटल का IPO काफी ओवरसब्सक्राइब हुआ और लिस्टिंग प्रीमियम दिखा; सुरक्षा डायग्नोस्टिक का बैंड और आवंटन तारीख भी निवेशकों के लिए क्लियर संकेत हैं। Northern Ark या नीवा बुपा जैसी लिस्टिंग की खबरें बताती हैं कि नई सूची में शुरुआती प्राइस क्या मूव कर सकता है। अगर किसी IPO में योग्य संस्थागत या खुदरा सब्सक्राइबर बहुत ज़्यादा हैं, तो लिस्टिंग पर जोरदार प्राइस मूव की उम्मीद रहती है — पर वाल्यूएशन पर ध्यान दें।
छोटे संकेत जिन पर तुरंत ध्यान दें: कंपनी का प्री-लॉन्च वैल्यूएशन (जैसे CDSL के मामले में), मुनाफे का ट्रेंड (PNB ने लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखाया), और अधिग्रहण/बोनस जैसी कॉर्पोरेट घटनाएँ (एनबीसीसी, रेमंड)। ये संकेत शॉर्ट- और मिड-टर्म दोनों फैसलों में मदद करते हैं।
तुरंत इस्तेमाल करने योग्य टिप्स: खबर पढ़ते ही चेक करें—क्या यह जानकारी आपके होल्डिंग पीरियड को बदलती है? क्या वैल्यूएशन री-एसेस करना पड़ेगा? क्या किसी इवेंट की तारीख बाज़ार में वोलैटिलिटी बढ़ा सकती है? अपने अलर्ट सेट करें और बड़ी खबरों पर रियल-टाइम अपडेट लें।
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Trent को Goldman Sachs ने 'Neutral' रेटिंग दी है क्योंकि Zudio स्टोर्स उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। CDSL का वैल्यूएशन काफी ऊंचा है, जबकि PNB ने लगातार मुनाफे के लिहाज से मजबूत प्रदर्शन दिखाया है। निवेशकों के लिए ये कंपनियां जोखिम और मौके दोनों पेश कर रही हैं।
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में 8 मई 2025 को भारी गिरावट देखने को मिली। 'ऑपरेशन सिंदूर' और ड्रोन गतिविधियों के बाद KSE-100 इंडेक्स में 6,000 अंकों की गिरावट आई। निवेशकों की चिंता और वैश्विक हालात के कारण ट्रेडिंग एक घंटे के लिए रोकनी पड़ी। IMF फंडिंग के फैसले का भी बाजार पर असर दिखा।
18 अप्रैल 2025 को गुड फ्राइडे के कारण भारतीय शेयर बाजार बंद रहेगा। इससे BSE, NSE और NCDEX पर तीन दिन लगातार कोई ट्रेडिंग नहीं होगी। केवल कुछ कमोडिटी डेरिवेटिव्स संध्या सत्र में सीमित गतिविधी हो सकती है। निवेशकों को अगला मौका सोमवार, 21 अप्रैल को मिलेगा।
भारत का मिडिल क्लास वर्ग यूनियन बजट 2025 का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जिसमें उन्हें महत्वपूर्ण आयकर राहत की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वे इस वर्ग के सामने आने वाली बढ़ती वित्तीय दबावों को ध्यान में रखते हुए उपाय करेंगे। उम्मीदें इसमें शामिल हैं: मौलिक छूट सीमा को 5 लाख रुपए तक बढ़ाना, कर स्लैब में सुधार करना, और होम लोन, बचत एवं चिकित्सा खर्च के लिए कटौती में वृद्धि।
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स का आईपीओ 27 दिसंबर, 2024 को सूचीबद्ध हुआ, जिसमें शेयर बीएसई पर ₹392.90 और एनएसई पर ₹393 पर सूचीबद्ध हुए। यह बीएसई और एनएसई पर इश्यू मूल्य ₹283 के मुकाबले क्रमशः ₹109.90 और ₹110 के प्रीमियम को दर्शाता है। इस आईपीओ को बेहतर निवेशक प्रतिक्रिया मिली, जिससे 82.08 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ। योग्य संस्थागत खरीदारों द्वारा आरक्षित कोटा 166.33 गुना, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा 27.13 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ।
सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड का आई.पी.ओ 29 नवंबर 2024 को खुलेगा और 3 दिसंबर 2024 को बंद होगा। यह बुक-बिल्ट पेशकश होगी जिसमें प्रति शेयर मूल्य बैंड 420-441 रुपये है। इस इश्यू का आकार 846.25 करोड़ रुपये है, जो पूरी तरह से बिक्री के लिए पेशकश का हिस्सा होगा। कोई नया इश्यू नहीं है। शेयर आवंटन 4 दिसंबर 2024 को होगा और कंपनी 6 दिसंबर 2024 को सूचीबद्ध होने की संभावना है। यह विवरण निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है।
12 नवंबर 2024 को भारत के विभिन्न शहरों में सोने और चांदी की ताज़ा कीमतों में बदलाव आया है। 22 कैरेट सोने की कीमत दिल्ली में ₹59,350, मुंबई में ₹59,450, कोलकाता में ₹59,550, चेन्नई में ₹60,350, बेंगलुरु में ₹59,950, और हैदराबाद में ₹60,150 प्रति 10 ग्राम है। 24 कैरेट सोने की कीमतें भी अलग-अलग शहरों में भिन्न-भिन्न हैं। चांदी की कीमतें ₹72,300 से ₹74,300 प्रति किलो तक हैं। ये कीमतें बाजार की मांग और ग्लोबल ट्रेंड्स के अनुसार प्रभावित हो सकती हैं।
नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ तीसरे दिन 1.70 गुना सब्सक्राइब हुआ है। शेयरों के इस प्रारंभिक विक्रय ने उत्पन्न की गई निधियों के साथ कंपनी की योजना 2,200 करोड़ रुपये जुटाने की है। आज निवेश का अंतिम दिन है और परिणामस्वरूप कंपनी के शेयरों की सूचीबद्धता संभावित रूप से बीएसई और एनएसई पर होगी।
बिटकॉइन की कीमत में डोनाल्ड ट्रंप की 2024 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया है। आशा की जा रही है कि ट्रंप के समर्थन से क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य उज्जवल होगा, जिसके परिणामस्वरूप बिटकॉइन की कीमत $80,000 के पार पहुंच गई। निवेशक अब क्रिप्टो फ्रेंडली प्रशासन की उम्मीद कर रहे हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 17% की गिरावट दर्ज की है, जो ₹3,069 करोड़ तक रहा। कंपनी का राजस्व ₹34,903.9 करोड़ पर स्थिर रहा। इस गिरावट का मुख्य कारण कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी और अन्य ऊँचे व्यय रहे। कंपनी की परिचालन लाभ मार्जिन 6.3% तक सिकुड़ गई।
रतन टाटा जी की 10,000 करोड़ रुपये की वसीयत में शंतनु नायडू समेत कई लाभार्थियों का नाम शामिल किया गया है। इसमें नायडू की विदेश शिक्षा खर्च और "द गुडफेलोज" में उनकी हिस्सेदारी से हाथ धोया गया है। टाटा ने अपनी संपत्ति में अलिबाग का बीच बंगला, जुहू तारा रोड पर मकान, और टाटा संस की हिस्सेदारी जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियां भी सम्मिलित की हैं।
भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें BSE सेंसेक्स 930 अंक गिरकर 80,220.72 पर बंद हुआ और NSE का निफ्टी50 308.96 अंक गिरकर 24,472.10 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा भारतीय इक्विटी का विक्री के कारण यह गिरावट हुई, जिन्हें चीन और हांगकांग जैसे सस्ते बाजारों में अधिक रुचि दिखाई दी।