ऊपर
झारखंड पुलिस के निगरानी में थे चंपई सोरेन: हिमंता बिस्वा सरमा का बड़ा दावा
अग॰ 31, 2024
के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

झारखंड पुलिस के निगरानी में थे चंपई सोरेन: हिमंता बिस्वा सरमा का बड़ा दावा

रांची में एक कार्यक्रम के दौरान, जब चंपई सोरेन ने औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की घोषणा की, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पिछले छह महीनों से झारखंड पुलिस की निगरानी में थे।

सरमा, जो आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के सह-प्रभारी भी हैं, ने दावा किया कि दो सहायक निरीक्षकों (एसआई) को सोरेन के लोगों ने दिल्ली के एक होटल में पकड़ा जब वे सोरेन की निगरानी कर रहे थे। सरमा के अनुसार, इन अधिकारियों को एक 'संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति' और विशेष शाखा प्रमुख के आदेश पर सोरेन की देखरेख सौंपी गई थी।

दिल्ली पुलिस के कब्जे में हैं दोनों एएसआई

इन दोनों सहायक निरीक्षकों को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है, जो मामले की जांच आगे बढ़ा रही है। इस घटना ने राजनीति के गलियारों में खलबली मचा दी है। सरमा ने शक जताया कि सोरेन के फोन भी टैप किए गए हो सकते हैं और शायद उन्हें ‘हनी ट्रैप’ करने की योजना बनाई गई हो, क्योंकि एक महिला को भी उन दो एएसआई अधिकारियों से मिलते हुए देखा गया था।

बीजेपी में शामिल होने से पहले से ही निगरानी में थे सोरेन

सरमा ने यह भी खुलासा किया कि सोरेन की निगरानी तब से हो रही थी जब उन्होंने बीजेपी के साथ बातचीत शुरू भी नहीं की थी। इस घटना को भारतीय राजनीति में जासूसी का एक दुर्लभ मामला बताया जा रहा है।

हिमंता बिस्वा सरमा ने कड़ी चेतावनी दी कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली भ्रष्ट गठबंधन सरकार को बीजेपी की ओर से दो महीनों में एक 'उचित जवाब' मिलेगा। उन्होंने इस घटना को नवीनतम साक्ष्य और भ्रष्टाचार के प्रामाणिक प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया।

चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना

चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना

चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, विशेष रूप से झारखंड में अनुसूचित जनजाति समुदाय को आकर्षित करने के प्रयासों के रूप में। आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नई राजनीतिक परिदृश्य में अद्वितीय घटनाक्रम क्या मोड़ लेकर आता है।

झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा सितंबर में होने की संभावना है और चुनाव इस साल के अंत में निर्धारित किया गया है। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है और आगामी चुनाव परिणामों पर इसका महत्वपूर्ण असर पड़ सकता है।

यह भी देखना होगा कि दिल्ली पुलिस की जांच आगे क्या निष्कर्ष निकालती है और क्या इसके परिणामस्वरूप किसी अन्य बड़े खुलासे होते हैं। इस घटना ने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश की राजनीति को हिला कर रख दिया है। आने वाले समय में इस जासूसी मामले की सच्चाई सामने आने पर और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होने का कदम और हिमंता बिस्वा सरमा के दावों ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अब यह देखना बाकी है कि यह विवाद आने वाले चुनावों को किस दिशा में मोड़ता है और झारखंड की जनता किसे अपना भविष्य सौंपती है।

rabindra bhattarai

लेखक :rabindra bhattarai

मैं पत्रकार हूं और मैं मुख्यतः दैनिक समाचारों का लेखन करता हूं। अपने पाठकों के लिए सबसे ताज़ा और प्रासंगिक खबरें प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं राष्ट्रीय घटनाओं, राजनीतिक विकासों और सामाजिक मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान देता हूं।

एक टिप्पणी लिखें

नवीनतम पोस्ट
4जून

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

2अग॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

24जून

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

5जून

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

28नव॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया rabindra bhattarai

हमारे बारे में

समाचार प्रारंभ एक डिजिटल मंच है जो भारतीय समाचारों पर केन्द्रित है। इस प्लेटफॉर्म पर दैनिक आधार पर ताजा खबरें, राष्ट्रीय आयोजन, और विश्लेषणात्मक समीक्षाएँ प्रदान की जाती हैं। हमारे संवाददाता भारत के कोने-कोने से सच्ची और निष्पक्ष खबरें लाते हैं। समाचार प्रारंभ आपको राजनीति, आर्थिक घटनाएँ, खेल और मनोरंजन से जुड़ी हुई नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। हम तत्काल और सटीक जानकारी के लिए समर्पित हैं, ताकि आपको हमेशा अपडेट रखा जा सके।